चतुर पण्डित तेरो नाम
अति पावन
धन्य हो त गुनि सुजान
भरन जात सुर निधान।
अंतरा
वाग्गेयकार महा
विष्णु नारायण गुरु
देवन को वंदन
नन्दन करत है अज्ञान।।
पण्डित विष्णु नारायण भात खंडे जी का 10 अगस्त पर जन्मदिवस मनाया जाता है।
हिन्दुस्तानी संगीत के महा पण्डित, शास्त्र कार, घोर कष्ट के उपरान्त किया हुआ प्रचण्ड ग्रंथ निर्माणकर्ता, बी ए, एल एल बी की पदवी के बाद वकालत की, परन्तु संगीत शास्त्र की उस समय की विपरीत अवस्था को देख कर वकालत छोड़ कर पूरे देश में भ्रमण करके महा पण्डित और उस्तादों के घरों में जा कर हजारों बंदिशों का संग्रह किया, आम जनता के लिए उन्हें वितरित किया। 1860 से 1936 तक के जीवनकाल में "न भूतो न भविष्य ति" कार्य किया।
देश तथा देशप्रेम से प्रेरित होकर सारा साहित्य निर्माण संस्कृत और मराठी में प्रकाशित किया।वे कहते थे, अगर किसी अंग्रेज को शास्त्र सीखना हो तो उसे हमारी भाषा में ही भारतीय संगीत शास्त्र सीखना होगा। उसके लिए हमें अंग्रेजी में लिखने की कोई आवश्यकता नहीं।
पंडितजी के सम्मान में एक बंदिश कि रचना की है, उन्हीं के चरणों में समर्पित करता हूं।